इस कोरोना से सबको बचाना , जीवन में उजाला फैलाना सब उलझे हुए हैं। इस कोरोना से सबको बचाना , जीवन में उजाला फैलाना सब उलझे हुए हैं।
जगी इतनी बस ख़ुद्दारी कि , हमने माँगना ही छोड़ दिया । जगी इतनी बस ख़ुद्दारी कि , हमने माँगना ही छोड़ दिया ।
डरता न था वो कुछ बोलने से पहले डरता न था वो कुछ बोलने से पहले
सिसकियां इतनी बढ़ गई हैं सिसकियां इतनी बढ़ गई हैं
हर साल बस ईद के दिन, मेरे नाम एक पैगाम लिखना, मेरी मौत के बाद हो सके तो, अपनी अम्मी हर साल बस ईद के दिन, मेरे नाम एक पैगाम लिखना, मेरी मौत के बाद हो सके तो, ...
लिपट के अपनी बांहों मुझे रोने देना मेरे भाई! लिपट के अपनी बांहों मुझे रोने देना मेरे भाई!